सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस महीने को भगवान शिव की उपासना और भक्ति का समय माना जाता है। हर साल, सावन के महीने में भक्तगण शिव जी की पूजा-अर्चना करते हैं और कई लोग व्रत भी रखते हैं। इस साल, 2024 में सावन का आखिरी व्रत 19 अगस्त को है, जो राखी के दिन पड़ रहा है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस विशेष दिन पर व्रत रखना चाहिए या नहीं।
सावन का महत्व और व्रत
सावन का महीना वर्षा ऋतु का समय होता है, जो हरियाली और नई ऊर्जा का प्रतीक है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना और व्रत रखना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी माना जाता है। सावन के व्रत को रखने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
राखी और सावन का संगम
इस साल राखी का त्यौहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा, जो संयोगवश सावन का आखिरी सोमवार भी है। राखी का त्यौहार भाई-बहन के प्यार और रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
व्रत रखने का महत्व
राखी और सावन का आखिरी व्रत एक ही दिन पड़ने का संयोग विशेष होता है। जो लोग सावन के सभी व्रत रखते आ रहे हैं, उनके लिए यह दिन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। व्रत रखना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आत्मसंयम और अनुशासन के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। यह आत्मशुद्धि का माध्यम है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त साधन है।
व्रत रखें या न रखें?
अब सवाल यह उठता है कि इस विशेष संयोग के दिन व्रत रखना चाहिए या नहीं।
1. धार्मिक दृष्टिकोण से:
सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का समय होता है और अगर आप पहले से ही सावन के व्रत रख रहे हैं तो आखिरी व्रत भी रखना चाहिए। इससे आपकी श्रद्धा और भक्ति में कोई कमी नहीं आएगी और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
2. सामाजिक दृष्टिकोण से:
राखी के दिन व्रत रखना थोड़ी कठिनाई भरा हो सकता है क्योंकि यह दिन परिवार के साथ समय बिताने का और खुशी मनाने का होता है। ऐसे में व्रत रखते हुए त्योहार मनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
3. आध्यात्मिक दृष्टिकोण से:
व्रत रखना आत्मशुद्धि का माध्यम है और यह व्यक्ति की आत्मशक्ति को बढ़ाता है। अगर आपने सभी सावन व्रतों का पालन किया है, तो आखिरी व्रत रखना आपकी आत्मशक्ति और संकल्प को मजबूत करेगा।
अनामोलयोगी का परामर्श
अनामोलयोगी के अनुसार, जिन्होंने सावन के पांचों व्रतों का पालन करने का संकल्प लिया है, उन्हें आखिरी व्रत अवश्य रखना चाहिए। यह व्रत उनकी भक्ति, संकल्प और श्रद्धा को पूर्ण करेगा। अगर आपने पूरे सावन महीने व्रत रखे हैं तो आखिरी व्रत भी रखना आपकी साधना को सम्पूर्णता देगा।
निष्कर्ष
राखी 2024 पर पड़ने वाला सावन का आखिरी व्रत एक विशेष संयोग है। इस दिन व्रत रखना या न रखना आपके व्यक्तिगत और धार्मिक संकल्प पर निर्भर करता है। लेकिन अगर आपने सावन के सभी व्रतों का पालन किया है, तो आखिरी व्रत भी रखना चाहिए। इससे आपकी भक्ति और संकल्प को पूर्णता मिलेगी और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। अनामोलयोगी के अनुसार, व्रत रखने से आपका संकल्प पूरा होगा और आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होगा।
आइए, इस विशेष दिन को भगवान शिव की भक्ति और राखी के त्यौहार के साथ मनाएं और अपने संकल्प को पूर्ण करें।
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